Shree Krishna Gyan In Hindi From Shrimad Bhagavad Geeta

Shree Krishna Vani In Hindi

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जीवन में परिस्थितियां कभी भी अच्छी नही होती है,
परिस्थितियों को हमे खुद ही अच्छा बनाना पड़ता है..!!



किस्मत तुम्हारी हाथों की लकीर नही हैं,
वो केवल तुम्हारी कर्मों का नतीजा है..!!



जिंदगी में कैसा भी मोड़ आए बस हिम्मत मत हारना,
क्योंकि तुम्हारी हिम्मत ही तुम्हे हर कठिनाई से बाहर निकालेगी..!!



जब तक आप अपनी समस्याओं एवं कठिनाइयों की वजह दूसरों को मानते हैं,
तब तक आप अपनी कठिनाइयों और समस्याओं को मिटा नहीं सकते हैं !



भाग्य पर जीतना भरोसा करोगे वो उतना ही निराश करेगा,
कर्म पर जीतना जोर दोगे वो उतना ही दो गुना देगा |



सत्य को अपमान वही मानता हैं जिसको असत्य से कोई लाभ हो ।



भाग्य अच्छा या बुरा नहीं होता हैं,
सिर्फ हमारा इरादा ही अंजाम के लिए जिम्मेदार होता हैं !



कभी कभी जीवन सबसे अच्छा पाने के लिए बहुत बुरे दौर से गुजरना पड़ता हैं !



जब इंसान का स्वार्थ पूरा होता जाता हैं,
तब इंसान आपसे मिलना तो दूर आपसे बात करना भी छोड़ देता हैं ।



धन मित्रता को खा जाता हैं,
क्रोध बुद्धि को खा जाता हैं,
और अभिमान आत्मज्ञान को खा जाता हैं,
इसलिए सभी पर आपका नियंत्रण होना जरूरी है ।



अच्छे समय से ज्यादा अच्छे इंसान के साथ रिश्ता रखो,
अच्छा इंसान अच्छा समय ला सकता हैं,
लेकिन अच्छा समय अच्छा इंसान नहीं ला सकता है ।



अहंकार के अंधे इंसान को न तो अपनी गलतियां दिखती हैं,
 और ना ही दूसरे इंसानों की अच्छी बातें सुनाई देती हैं ।



जीवन में कभी भी किसी की भलाई व्यर्थ नहीं जाती हैं,
वह कब किस रूप में लौटकर आएगी ये ईश्वर ही जनता हैं ।



आगे बढ़ने वाला व्यक्ति कभी किसी के रास्ते की बांधा नहीं बनता है,
और किसी के रास्ते में बांधा बनने वाला व्यक्ति कभी आगे नहीं बढ़ता हैं ।



विरासत में गद्दी तो मिलती हैं लेकिन बुद्धि नहीं मिलती,
बुद्धि तो आत्मनिर्भर बनने से ही आती हैं ।



गलत आरोपों को लेकर कभी भी चिंतित ना हो,
बल्कि उसका सम्मान करें,
याद रखे समय का ग्रहण तो सूरज और चंद्र भी झेलते हैं ।



कभी किसी का व्यर्थ अपमान मत करो,
आप शक्तिशाली हो अच्छी बात हैं,
लेकिन समय आपसे भी अधिक शक्तिशाली हैं,
इस बात को हमेशा याद रखें ।



यदि हमारी नियत अच्छी और मकसद सही हो तो किसी न किसी रूप में ऊपर वाला भी हमारी मदद करता हैं ।



अनुभव उम्र से नहीं,
बल्कि परिस्थितियों का सामना करने से आता है ।



पहली बार मिला धोखा एक चेतावनी हैं,
और दूसरी बार मिला धोखा एक सिख हैं,
लेकिन तीसरी बार मिला धोखा आपके ही द्वारा लिए गए गलत फैसलों का
परिणाम हैं ।

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